Termination of prospecting licences or mining leases.
[S-4A]
सेंट्रल गवर्मेंट, स्टेट गवर्मेंट से कंसल्ट करने के बाद PL/ ML रद्द करने के लिए रिक्वेस्ट कर सकती है, और ऐसा रिक्वेस्ट मिलने के बाद स्टेट गवर्मेंट प्रीमेच्योर प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस और माइनिंग लीज को टर्मिनेट कर सकती है।
● माइनर मिनरल के लिए प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस या माइनिंग लीज (PL/ ML) को स्टेट गवर्मेंट ही प्रीमेच्योर टर्मिनेशन कर सकती है।
● ऐसा करने से पहले होल्डर ऑफ द लाइसेंस और लीज को अपना पक्ष रखने के लिए रीजनेबल अपॉर्चुनिटी दिया जाएगा।
● 2 साल तक माइनिंग ऑपरेशन शुरू नहीं होता है, या शुरू होने के 2 साल तक डिस्कंटीन्यू रहता है तब माइनिंग लीज लैप्स हो जाएगा। अगर लैप्स होने के पहले स्टेट गवर्नमेंट को रीजन बियोंड हिज कंट्रोल का कारण बताते हुए एप्लीकेशन दिया जाता है तो 3 महीने के भीतर एप्लीकेशन पर सटिस्फाई होने के बाद स्टेट गवर्नमेंट लीज वैध करार कर देगा ।
अगर फिर भी 6 महीने के भीतर काम शुरू नहीं होता है, तब lease lapse हो जाएगा, उसमें भी अगर लीज लैप्स होने के 6 महीने के पहले फिर अप्लाई करता है तब एप्लीकेशन देने के 3 महीने के अंदर सुनवाई करते हुए लीज को वैध करार किया जा सकता है, तीसरी बार लीज वैध नहीं किया जाएगा।
Restrictions on the grant of prospecting licences or mining leases.
[S-5]
स्टेट गवर्मेंट रिकोनेन्स परमिट, प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस या माइनिंग लीज जब तक नहीं देगा तब तक कि वह कोई:
-इंडियन नेशनल या कंपनी
-satisfy such conditions as may be prescribed
को पूरा ना करता हो और उसमें भी अगर पार्ट A or पार्ट B of First schedule का मिनरल हो तब पहले सेंट्रल गवर्मेंट से अनुमति लेना पड़ेगा।
● फर्म या एसोसिएशन के केस में सारे मेंबर को इंडियन नेशनल होना पड़ेगा।
● स्टेट गवर्मेंट तभी माइनिंग लीज़ देगा, जब वह सटिस्फाई हो जाएगा कि:
-वहां मिनरल मौजूद होने का सबूत हैं और इसके लिए सेंट्रल गवर्मेंट के द्वारा निर्धारित फॉर्मेट में अप्लाई किया गया है ।
-माइनिंग प्लान अप्रूव्ड बाय सेंट्रल गवर्नमेंट या स्टेट गवर्मेंट है।